वर्तमान के लिए कल का निर्माण।
डिजिटल शिक्षा, अवसरों और समुदायों के साथ छात्रों को सशक्त बनाना


समस्या
कई छात्र सपनों से भरे कॉलेज में कदम रखते हैं, लेकिन वास्तविकता अक्सर बहुत अलग दिखती है
उन्हें सही शिक्षण संसाधन, नोट्स या पिछले परीक्षा प्रश्नपत्रों तक आसानी से पहुंच नहीं मिलती।




उचित मार्गदर्शन के बिना, कई छात्र आत्मविश्वास खो देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पढ़ाई छोड़ने की दर बढ़ जाती है।
स्नातक होने के बाद भी, छात्रों को खराब प्लेसमेंट सहायता और वास्तविक कैरियर की तैयारी की कमी से जूझना पड़ता है।


अधिकांश कॉलेज ऐसे मजबूत समुदाय प्रदान नहीं करते जहाँ छात्र सीख सकें, विचार साझा कर सकें और एक साथ आगे बढ़ सकें


यह अंतर छात्रों को शिक्षा और उनके करियर दोनों में भविष्य के लिए तैयार नहीं करता है।



Facts?
भारत में विद्यार्थियों का नामांकन 4.3 करोड़ को पार कर गया है, तथा देश भर में 40,000 से अधिक महाविद्यालय हैं।


अधिकांश टियर-2 और टियर-3 कॉलेजों में ऐसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद ही नहीं हैं।
फिर भी, केवल शीर्ष 10% के पास ही सार्थक बुनियादी ढांचा है, और वह भी वैश्विक मानकों से कम है।




